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कोविड कम हुआ, फ्लूने जकड़ा दिल्ली में बढे केस, 105 डिग्री तक बुखार आ रहा, होना पड़ रहा एडमिट।

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कोविड कम हुआ, फ्लूने जकड़ा दिल्ली में बढे केस, 105 डिग्री तक बुखार आ रहा, होना पड़ रहा एडमिट।

कोविड कम हुआ, फ्लूने जकड़ा दिल्ली में बढे केस, 105 डिग्री तक बुखार आ रहा, होना पड़ रहा एडमिट।

कोविड कम हुआ, फ्लूने जकड़ा दिल्ली में बढे केस, 105 डिग्री तक बुखार आ रहा, होना पड़ रहा एडमिट के बारे मे।

दिल्ली में इन दिनों एक अलग प्रकार का फ्लू फैला है। लोग तेज बुखार से पीड़ित हो रहे हैं। बुखार 102 से 105 डिग्री तक पहुंच रहा है। शुरुआती दो से तीन दिनों में पारासिटामोल से भी बुखार कंट्रोल नहीं हो रहा। फ्लू का फैलाव भी बहुत तेज है। किसी परिवार में एक को फ्लू हो गया, तो पूरा परिवार संक्रमित हो रहा है। 

स्थिति यह है कि लोगों को एडमिट होना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है बीते कुछ साल में पहली बार ऐसा देखने को मिला है, जब फ्लू इतनी तेजी से फैल रहा हो और बुखार 105 डिग्री तक पहुंच जाए।अस्पतालों की ओपीडी में 50 फीसदी मरीज फ्लू के ही आ रहे हैं।

105 डिग्री बुखार के साथ पहुंचे अस्पताल 32 साल का एक युवक तेज बुखार के बाद ओपीडी में पहुंचा। युवक को अप्रैल में कोविड हुआ था। उसने वैक्सीन की एक डोज भी ली थी। लेकिन पिछले हफ्ते बुखार 105 डिग्री तक पहुंच गया। युवक को खांसी और गले में खराश भी हो रही थी। डॉक्टर को लगा कि डेंगू हो सकता है।

लेकिन जांच में कोविड, डेंगू और मलेरिया नहीं निकले। फिर इन्फ्लूएंजा जांच की गई, तो उसमें इन्फ्लूएंजा ए पॉजिटिव आया। युवक को एडमिट करना पड़ा। दो दिन तक उसे एंटीबॉडी की डोज दी गईं, तब बुखार कम हुआ।

तेज बुखार के साथ सांस लेने में थी तकलीफ 65 साल के एक शख्स को भी फीवर हुआ। वह इलाज के लिए मणिपाल हॉस्पिटल के ओपीडी में पहुंचे। उन्हें तेज बुखार के साथसाथ सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बलगम आ रहा था। एक्सरे किया, तो निमोनिया नहीं निकला। मरीज को कोविड का डर था, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। पारासिटामोल से भी नहीं उतर रहा बुखार

मणिपाल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर चारू गोयल सचदेवा ने कहा कि अभी तेज बुखार परेशान कर रहा है। यह डेंगू की तरह लग रहा है, लेकिन डेंगू नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि अभी जो पलू के मामले आ रहे हैं, वो थोड़ा एक्यूट हैं। पहले ऐसा नहीं होता था। पिछले साल तो फ्लू था ही नहीं। इस बार अभी केवल फ्लू है। कोविड भी नहीं है। शुरुआती दो से तीन दिनों में फीवर कम नहीं होता है, पारासिटामोल से भी कम नहीं होता है।

धीरे-धीरे स्थिति कंट्रोल में आ रही है । दो से तीन दिन रहे बुखार, तो कराएं जांच मैक्स के इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर रोमेल टिक्कू ने कहा कि अभी एकसाथ कई प्रकार के बुखार देखे जा रहे हैं। इसमें मरीज को देखकर नहीं बताया जा सकता है कि किस संक्रमण या बीमारी की वजह से बुखार है। डॉक्टर ने कहा कि अगर 2 से 3 दिन के बाद भी बुखार बना रहे तो तुरंत अपनी जांच कराएं, क्योंकि यह सीजन डेंगू का है। अगर बुखार डेंगू या कोविड का है तो दोनों का इलाज डॉक्टर से कराना जरूरी होता है, इसलिए जांच जरूरी है।

ओपीडी में 50 पर्सेट् मरीज फ्लू के आरहे डॉक्टर रोमेल टिक्कू ने कहा कि अभी ओपीडी में 40 से 50 फीसदी मरीज इन्फ्लूएंजा यानी नॉर्मल फ्लू के ही आ रहे हैं। पिछले कई दिनों से कोविड का एक भी मामले नहीं आया है, लेकिन कुछ में स्वाइन फ्लू और कुछ में डेंगू मिल रहा है। 

उन्होंने कहा कि लोगों को इन बीमारियों के सिमटम पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर फीवर दो से तीन दिन तक रह जाए, तो जांच जरूर कराएं। बिना जांच के आगे का इलाज मुश्किल है। डॉक्टर रोमेल और डॉक्टर चारू ने कहा कि डेंगू को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इसका भी कोई इलाज नहीं है। इसी प्रकार स्वाइन फ्लू है। अब एचाएन। उतना खतरनाक नहीं है। इसके लिए दवा और वैक्सीन दोनों हैं।

एक से दूसरे में फैल सकते हैं कोविड-फ्लू।

डॉक्टर ने कहा कि कोविड और इन्फ्लूएंजा एक से दूसरे में फैल सकता है। लेकिन अगर फीवर कोविड का है, तो यह चिंता वाली बात है। 

इसलिए दोनों फीवर को समझें और इसके लक्षण पर ध्यान रखें। डॉक्टर ने बताया कि स्वाइन फ्लू यानी HIN1 एक वायरल इन्फेक्शन है। बिल्कुल कोविड की तरह ही है। 

दिल्ली में साल 2009 में यह पहली बार महामारी के रूप में फैला था और उसके बाद से यह वायरस बना हुआ है। कभी ज्यादा एक्टिव होता है तो कभी कम। अभी दिल्ली में लगभग एक दर्जन मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है, लेकिन एनसीडीसी की रिपोर्ट में 31 जुलाई तक केवल 2 मामले ही बताए हैं।

डेंगू और कोविड में कोई तुलना नहीं।

डॉक्टर ने कहा कि डेंगू और कोविड में तुलना नहीं है। क्योंकि कोविड एक संक्रामक बीमारी है और डेंगू मच्छर से फैलता है। लेकिन डेंगू अभी भी खतरनाक है, क्योंकि इस वायरस के खिलाफ न तो दवा है और न ही वैक्सीन।

दिल्ली वालों को पिछले कुछ साल से डेंगू से राहत है। अभी तक दिल्ली में डेंगू के 68 मामले आ चुके हैं। पिछले साल इन दिनों तक केवल 41 मामले आए थे। वहीं, दिल्ली में मलेरिया के 32 मामले अबतक आ चुके हैं। यह ऐनोफीलीज मच्छर के काटने से होता है। शुरुआत में इस बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।

फ्लू के मामले ज्यादा क्यों? करा रहे हैं।

डॉक्टर रोमेल टिक्कू ने बताया कि फ्लू के मामले हर साल इन दिनों आते हैं। लोग कोविड के डर से जांच करा रहे हैं और उनमें फ्लू निकल रहा है। यही वजह है कि अभी अस्पतालों में लगभग 50 पर्सेट मरीज फ्लू के मिल रहे हैं। डॉक्टर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि लोग जागरूक हैं और समय पर जांच

निष्कर्ष

आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको कोविड कम हुआ, फ्लूने जकड़ा दिल्ली में बढे केस, 105 डिग्री तक बुखार आ रहा, होना पड़ रहा एडमिट। के बारे मे बताया। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।

तो, कृपया अपने दोस्त के साथ साझा करें। अगर आप नहीं समझे हैं। तो आप मुझे कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। धन्यवाद।

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