जन्माष्टमी को लेकर मंदिर कमिटियों को DDMA की गाइडलाइंस का है इंतजार।
जन्माष्टमी को लेकर मंदिर कमिटियों को DDMA की गाइडलाइंस का है इंतजार के बारे मे।
जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को है। ऐसे में अब भी मंदिर को डीडीएमए की नई गाइडलाइंस का इंतजार है। मंदिर मैनेजमेंट कमिटियों के अनुसार श्रद्धालुओं की एंट्री के बिना मंदिरों में जन्माष्टमी की सजावट भी होगी और पूजा पाठ भी होगा।
लेकिन रौनक नहीं रहेगी। कई मंदिरों ने अपील भी की है कि जब राजधानी में सभी जगहों पर अनलॉक हो चुका है। स्कूल खोलने की तैयारी भी हो चुकी है तो मंदिरों को भी खोल दिया जाना चाहिए।
इस्कॉन मंदिर में थाईलैंड से फूल मंगाए जा रहे हैं।
इस्कॉन मंदिर में थाईलैंड से फूल मंगाए जा रहे हैं। फूल ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के दरबार की साज सज्जा के लिए थाईलैंड से फूल मंगवाए जा रहे हैं।
भगवान श्रीकृष्ण को 1008 प्रकार के व्यंजनों और भक्तों की ओर से तैयार केक का भोग लगाया जाएगा। डीडीएमए की गाइडलाइंस के अनुसार आम श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक है। सिर्फ अमंत्रित लोग ही दर्शन के लिए आ सकेंगे। हालांकि मंदिर मैनेजमेंट को अभी भी डीडीएमए से राहत का इंतजार है।
छत्तरपुर मंदिर मे चांदी के झूले पर बाल प्रतिमा।
छत्तरपुर मंदिर मे चांदी के झूले पर बाल प्रतिमा। छत्तरपुर मंदिर के प्रबंधक एन के सेठी ने बताया कि जन्माष्टमी पर मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। आधुनिक रंग बिरंगी लाइटों से पूरे परिसर को सजाया जा रहा है। मंदिर को कोरोना मुक्त रखने के लिए दो यूवी रेडिएशन मशीनें भी लगाई गई हैं।
यह मशीनें रात को जब मंदिर में कोई नहीं होता। उस समय ऑन की जाती हैं और फिर रिमोट से इन्हें मंदिर खुलने से पहले बंद कर दिया जाता है। जिससे सभी तरह के वायरस नष्ट हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि नई गाइडलाइंस आएंगी और श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। जन्माष्टमी पर झांकियों में भगवान कृष्ण की सभी लीलाओं का वर्णन होगा। चांदी के झूले पर कान्हा की बाल प्रतिमा को बिठाया जाएगा और कान्हा को रत्न जड़ित सोने का मुकुट पहनाया जाएगा।
बिरला मंदिर में सादगी के साथ मनेगी जन्माष्टमी।
लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) में जन्माष्टमी का पर्व सादगी से मनेगा। श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक होने की वजह से कोई खास तैयारियां नहीं की जा रही हैं।
सादगी के साथ जन्माष्टमी मनाई जाएगी, लेकिन डीडीएमए से आग्रह है कि जब बाजार सहित सभी दूसरे स्थानों को खोला जा चुका है। तो मंदिरों में भी श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए। फिर उसके अनुसार जन्माष्टमी को लेकर मंदिर में और बेहतर तैयारी की जा सकेगी।
झंडेवालान मंदिर में होंगे भजन-कीर्तन।
श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक होने की वजह से झंडेवालान मंदिर भी इस बार जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर असमंजस में हैं। झंडेवालान मंदिर के प्रचार प्रमुख नंद किशोर सेठी ने बताया कि मंदिर में दर्शन के लिए सिर्फ सेवादारों को पास जारी किया जाएगा। जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर में भजन-कीर्तन होगा। भगवान कृष्ण के बाल्यकाल से लेकर उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं की यहां झांकी लगाई जाएगी।
कालकाजी मंदिर में पुजारी और सेवादार ही करेंगे पूजा।
कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि मंदिर में जन्माष्टमी के आयोजन की तैयारी की जा रही है। कृष्ण लला के झूले को सजाया जा रहा है।
डीडीएमए के आदेशों के चलते इस बार मंदिर में पुजारी और सेवादार ही पूजा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तो मॉल से लेकर बाजार तक सब खोल दिए हैं। अब सरकार को कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए।
निष्कर्ष
आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको जन्माष्टमी को लेकर मंदिर कमिटियों को DDMA की गाइडलाइंस का है इंतजार। के बारे मे बताया। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।
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