आखिरकार खुद को स्टार कहने में शर्माती क्यों हैं भूमि पेडनेकर।
आखिरकार खुद को स्टार कहने में शर्माती क्यों हैं भूमि पेडनेकर के बारे मे।
फिल्म 'दम लाग के हईशा' में एक ज्यादा वजन वाली महिला का रोल अदा करके भूमि पेडनेकर ने सबको चौंका दिया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ के नहीं देख और लगातार कई अच्छी फिल्मों में काम किया।
बॉलिवुड में वह एक बड़ी स्टार बन चुकी हैं। लेकिन ये स्टार शब्द उनको थोड़ा अलग महसूस कराता है। तो क्या भूमि 'स्टार टैग' के साथ सहज हैं? हाल ही दिए एक इंटरव्यू में भूमि ने इस बारे में बात की। अभिनेत्री ने कहा, 'मैं खुद को स्टार कहने में थोड़ा शर्माती हूं।
मुझे लगता ह कि अलग-अलग पीढ़ियों में स्टारडम की परिभाषा बदल गई है। लेकिन हां, मैं आभारी हूं कि मेरी संदेश भी हो। क्योंकि सिनेमा मुख्य रूप से यही करता है।
मुझे लगता है कि भविष्य में भी फिल्में ऐसी ही होंगी। अगर कोई फिल्म देखने में दो घंटे खर्च कर रहा है। या मेरे कंटेंट को देख रहा ह। तो इससे उसकी मानसिकता में किसी तरह का सकारात्मक बदलाव आना चाहिए।'
फिल्मों को सराहा गया और लोग मुझे प्यार करते हैं।' हिंदी सिनेमा में आपकी पहचान हिट फिल्मों से बनती है। लेकिन भूमि ने मेसेज देने वाली फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई है। भूमि ने कहा, 'मैं हमेशा से चाहती हूं कि मेरी फिल्मों में मनोरंजन के साथ-साथ एक सकारात्मक बदलाव जरूर आना चाहिए। और मुझे भी अच्छा लगेगा।
निष्कर्ष
आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको आखिरकार खुद को स्टार कहने में शर्माती क्यों हैं भूमि पेडनेकर। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।
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