पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल होंगे गुजरात के नए मुख्यमंत्री।
पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल होंगे गुजरात के नए मुख्यमंत्री के बारे में।
बीजेपी ने रविवार को जब गुजरात में नए सीएम के नाम का ऐलान किया। तो सभी कयास गलत सावित हो गए। बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाने का फैसला किया। हालांकि कोई भी उनका नाम सीएम पद की दौड़ में नहीं बता रहा था। भूपेंद्र पटेल 2017 में पहली बार विधायक बने और अब राज्य की वागडोर संभालेंगे। भूपेंद्र पटेल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं।
उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीवेन पटेल का बेहद करीबी माना जाता है। वह पाटीदार समाज से हैं। और पटेल समुदाय में भी उनकी काफी पकड़ है। जब 2017 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा, तो एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। वह घाटलोदिया सीट से विधायक हैं। आनंदी वेन पटेल भी इसी सीट से विधायक थीं।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वताया कि भूपेंद्र पटेल को वीजेपी विधायक दल का नया नेता चुना गया है। नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए वीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। भूपेंद्र पटेल सीएम के तौर पर सोमवार को शपथ लेंगे।
वीजेपी के गुजरात अध्यक्ष सी. आर. पाटिल ने कहा कि। सोमवार को सिर्फ पटेल ही अकेले शपथ लेंगे। भूपेंद्र पटेल ने रविवार शाम राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात कर अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
नगर पालिका से CM तक का सफर
हमेशा चेहरे पर मुस्कान के साथ मिलने वाले भूपेंद्र पटेल ने नगर पालिका स्तर के नेता से लेकर गुजरात के सीएम पद तक का सफर तय किया है।
■ 2017 में पहली बार राज्य की घाटलोडिया सीट से चुनाव लड़ा। 1.17 लाख वोटों से जीते, जो कि उस चुनाव में एक रिकॉर्ड था।
भूपेंद्र को उनके समर्थक 'दादा' के नाम से पुकारते हैं। वह पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल के करीबी हैं। भूपेंद्र जिस विधानसभा से चुनकर आए हैं, वो गांधीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है। जहां से अमित शाह सांसद हैं।
■ 2010 से 2017 के बीच वह अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे।
■ भूपेंद्र ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। वह संघ के बैकग्राउंड से हैं। पाटीदार समुदाय के एक संगठन सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र के न्यासी भी हैं।
पाटीदार समुदाय पर पकड़ बनाने की कोशिश
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यह भी थी कि वह गुजरात के जातीय समीकरणों में फिट नहीं बैठ रहे थे। गुजरात में पटेल समुदाय का खासा दबदबा है। पिछले कुछ वक्त से यह माना जा रहा था। कि यह समुदाय बीजेपी से छिटक रहा है। चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री चुना। हाल ही में पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि पाटीदार समाज ने व्यापार के क्षेत्र में देश को हमेशा एक नई पहचान दी है।
निष्कर्ष
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