Zomato के को-फाउंडर गौरव गुप्ता ने दिया इस्तीफा। कंपनी के शेयरों में आई बारी गिरावट।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी की जाने मानी कंपनी। Zomato के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) गौरव गुप्ता ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरव गुप्ता 2015 में कंपनी में शामिल हुए थे। गौरव गुप्ता को 2018 में सीओओ बनाया गया था। और उन्हें 2019 में संस्थापक बनाया गया था।
गौरव गुप्ता जोमैटो के आईपीओ में गुप्ता प्रमुख चेहरों में से थे।
गौरव गुप्ता हाल ही में जोमैटो के आईपीओ में प्रमुख चेहरों में से एक थे। गौरव गुप्ता ने निवेशकों और मीडिया से बात की। Zomato ने कल ही किराने के सामान की डिलीवरी रोकने का फैसला किया था। और इसी के साथ ही कंपनी ने न्यूट्रास्युटिकल्स कारोबार से बाहर निकलने का भी फैसला किया था। Zomato ने पिछले साल से ही न्यूट्रास्युटिकल्स का कारोबार शुरू किया था।
17 सितंबर से लागू होगा फैसला।
ग्रॉसरी सामान की डिलीवरी को रोकने का फैसला 17 सितंबर से लागू होगा। Zomato ने अपने ग्रोसरी पार्टनर्स को ईमेल में कहा हे कि। जोमैटो अपने ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं देने।
और अपने बिजनेस को पार्टनर्स को ग्रोथ के सबसे बड़े मौके देने में विश्वास रखता है। हमें नहीं लगता कि मौजूदा मॉडल हमारे ग्राहकों और व्यापार भागीदारों के लिए फायदेमंद है। इसलिए हम किराना सामान की पायलट डिलीवरी सेवा बंद करना चाहते हैं। Zomato ने हाल ही में ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म ग्रोफर्स में 745 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
Zomato को जुलाई में लिस्ट किया गया था।
Zomato को जुलाई में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया गया था। हम आपको बता दे की। आज Zomato का शेयर मामूली बढ़त के साथ 145 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
जून तिमाही में कंपनी को 356 करोड़ रुपये का घाटा भी हुआ था। इसकी कुल आय 916 करोड़ रुपये थी। जबकि एक साल पहले 2020 मे इसी तिमाही में कंपनी को 99.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। और आय 283 करोड़ रुपये थी।
न्यूट्रास्यूटिकल्स व्यवसाय का सीओओ बनाया गया था।
गौरव गुप्ता को न्यूट्रास्युटिकल्स बिजनेस का (सीओ) सीओओ बनाया गया है। गौरव गुप्ता इस पद पर पांच साल के लिए नियुक्त किया गया था। और कोरोना की वजह से हेल्दी फूड की डिमांड तेजी से बढ़ी थी।
तो Zomato कंपनी को लगा कि इस बिजनेस में ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हो सकती हैं। न्यूट्रास्युटिकल्स को गोलियों, भोजन या पेय पदार्थों के रूप में विकसित किया जा सकता है।
पुरे 8 फंड हाउसों ने बेचे शेयर।
Zomato में निवेश करने वाले पुरे 8 फंड हाउस ने एक महीने का लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद अपने शेयर बेच दिए हैं। आईपीओ से पहले कुल 19 फंड हाउस ने जोमैटो में एंकर इनवेस्टर्स के तौर पर निवेश किया था। वैसे, भारत-विदेश के कुल 186 एंकर निवेशकों ने आईपीओ में पैसा लगाया था।
इसके 19 घरेलू फंड हाउस थे। शेयर बेचने वाले फंड हाउस आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, कोटक म्यूचुअल फंड आदि हैं। फंड हाउस द्वारा खरीदे गए शेयरों की कुल संख्या की तुलना में उपरोक्त चार फंड हाउस के पास 70% हिस्सेदारी है।
एचडीएफसी और म्यूचुअल फंड ने बेचे 60 लाख शेयर।
एचडीएफसी और म्यूचुअल फंड ने पुरे 60 लाख शेयर बेचे थे। जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने 20 लाख शेयर बेचे। कोटक म्यूचुअल फंड ने 1.10 लाख शेयर बेचे। निप्पॉन इंडिया ने 20 लाख और प्रिंसिपल म्यूचुअल फंड ने पुरे 20 लाख शेयर बेचे।
शेयर की कीमत लगभग 220 रुपये तक जा सकती है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने पिछले महीने ही कहा था। कि जोमैटो का शेयर 220 रुपये तक जा सकता है। यानी आज के भाव से यह शेयर 55 फीसदी तक बढ़ सकता है। इस ब्रोकरेज हाउस ने जोमैटो के शेयरों पर खरीदारी की सलाह दी थी। UBS सिक्योरिटीज ने Zomato के शेयर को खरीदारी की सलाह भी दी है।
निष्कर्ष
आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको Zomato के को-फाउंडर गौरव गुप्ता ने दिया इस्तीफा। कंपनी के शेयरों में आई बारी गिरावट। के बारे मे बताया। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।
तो, कृपया अपने दोस्त के साथ साझा करें। अगर आप नहीं समझे हैं। तो आप मुझे कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। धन्यवाद।
Please do not enter any spam link in the comment box.