Nawazuddin Siddiqui: जरुरी नहीं डोले-शोले वाले हीरो होना। 'डोले-शोले वाले हीरो एक समय तक ही चलते हैं।
Nawazuddin Siddiqui: नवाजुद्दीन सिद्दीकी को इस समय बॉलिवुड के सबसे ज्यादा बड़े और अच्छे ऐक्टर्स में से एक माना जाता है। और नवाज जी खुद को कभी होरो नहीं। बल्कि एक ऐक्टर मानते हैं।
उन्होंने एक हालिया इंटरव्यू में यह कहा है कि। एक हीरो केवल तभी तक बने रहेंगे। जब तक की उनकी फिट बॉडी है। लेकिन एक ऐक्टर्स अपनी पूरी जिंदगी ऐक्टिंग कर सकते हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने यह भी कहा कि।
एक वक्त के साथ लोगों का फिल्में देखने का नजरिया भी हमेशा से बदल रहा है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक इंटरव्यू में एक हीरो और ऐक्टर के बीच अंतर बताते हुए ये कहा। 'ये कोई भी बता देगा कि होरो का वक्त होता है। और ऐक्टर का कोई वक्त नहीं होता। ऐक्टर पूरी जिंदगी ऐक्टिंग करता है। वो अलग-अलग अच्छे किरदारों में नजर आता है।
और रही बात हीरो की, तो जब तक उसके डोले-शोले, पंप-वंप रहते हैं। तब तक वो ठीक है। जहां पंप की हवा निकली गयी, तो दिलो दिमाग से वो गायब हो जाता है।'
बता दें कि इससे पहले भी नवाजुद्दीन सिद्दीकी कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रख चुके हैं। और उन्होंने कहा था कि अब वह जमाना पूरी तरह से खत्म हो गया। जबकि ज्यादा स्क्रीन पाने वाली फिल्में ही हिट हुआ करती थीं।
और उन्होंने कहा, 'आखिर में केवल आपकी पंसद ही फिल्म को अच्छा या बनाती है। फ्लॉप से फर्क नहीं पड़ता। अगर कोई भी ज्यादा स्क्रीन लेकर किसी फिल्म को नहीं चलने देता है।
तो वह बकवास फिल्म भी 20 30 करोड़ कमा लेगी। और यह फैक्ट है। लेकिन आपको समझना होगा कि। अगर कोई फिल्म इतने बड़े स्तर पर रिलीज हो रही । तोह इसीलिए वह कमा रही है न। कि इसलिए कि वह एक अच्छी फिल्म है।'
निष्कर्ष
आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको Nawazuddin Siddiqui: जरुरी नहीं डोले-शोले वाले हीरो होना। 'डोले-शोले वाले हीरो एक समय तक ही चलते हैं। के बारे मे बताया, अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।
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