भारत ने कहा- जब तालिबान ही कुछ तय नहीं कर पा रहा तो हम क्या कहें, इंतजार करेंगे।
भारत ने कहा- जब तालिबान ही कुछ तय नहीं कर पा रहा तो हम क्या कहें, इंतजार करेंगे के बारे मे।
भारत ने कहा- जब तालिबान ही कुछ तय नहीं कर पा रहा तो हम क्या कहें, इंतजार करेंगे। अफगानिस्तान में तालिबान की अगुवाई वाली सरकार के गठन में हो रही देरी को देखते हुए कहा है। कि अभी जब वहीं चीजें तय नहीं है तो वह अपना स्टैंड कैसे अभी से साफ कर ले। भारत ने यह भी कहा है कि उसके साथ बाकी देश भी यही नजरिया रख रहे हैं।
अमेरिका से दौरा कर लौटने के बाद भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अभी तक तालिबान से भारत का संवाद बहुत सीमित रहा है। और कोई व्यवस्थित ढंग से बात नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की तरह ही अमेरिका भी वहां पल-पल बदले रहे हालात को करीब से देख रहा है। और आगे चीजें किस तरह बढ़ेगी उसे अभी समझना बाकी है।
भारत का मानना है कि दोनों देशों की कोशिशों का अभी बहुत फर्क नहीं होगा और बाकी देश अपनी शर्तों पर तालिबान से ताल्लुक बनाएंगे। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच चौथी वार्षिक 'टू प्लस टू' वार्ता इस साल नवंबर में वॉशिंगटन में होगी। 'टू प्लस टू' मंत्री स्तरीय बैठक दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होती है।
बाइडन-मोदी की मुलाकात इसी महीने।
बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी का यह पहला अमेरिका दौरा हो सकता है। मोदी का यह दौरा सबसे अहम होगा और अफगानिस्तान को लेकर दोनों देश एक साझा सटैंड ले सकते हैं।
भारत अमेरिका अफगानिस्तान पर साझी रणनीति बनाने के साथ तालिबान को संदेश दे सकते हैं। कि अगर आतंकवाद को पनाह दी तो उसे उजाड़ने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। मालूम हो कि एनबीटी ने सबसे पहले खबर थी कि पीएम मोदी का अमेरिका का दौरा तय हो गया है। इस दौरे में पीएम मोदी यूएन की सालाना सभा को संबोधित भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको भारत ने कहा- जब तालिबान ही कुछ तय नहीं कर पा रहा तो हम क्या कहें, इंतजार करेंगे। के बारे मे बताया। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।
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