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मनीष सिसोदिया ने कहा: दिल्ली के स्कूलों के बच्चे नौकरी मांगेंगे नहीं, नौकरी देंगे।

मनीष सिसोदिया ने कहा: दिल्ली के स्कूलों के बच्चे नौकरी मांगेंगे नहीं, नौकरी देंगे। 

मनीष सिसोदिया ने कहा: दिल्ली के स्कूलों के बच्चे नौकरी मांगेंगे नहीं, नौकरी देंगे।

मनीष सिसोदिया ने कहा: दिल्ली के स्कूलों के बच्चे नौकरी मांगेंगे नहीं, नौकरी देंगे के बारे मे। 

केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम (ईएमसी) के तहत 'बिजनेस ब्लास्टर्स' प्रोग्राम को लॉन्च करते हुए कहा कि। 

आज का ये दिन देश की तरक्की का आधार बनेगा। देश के सभी स्कूलों में आंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू कर दें। 

तो वो दिन दूर नहीं जब भारत विकासशील नहीं, बल्कि विकसित देशों सरकारी स्कूलों के लिए शुरू की गई। इस पहल के बारे में उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों से के पढ़कर निकलने वाले बच्चे नौकरी पाने की लाइन में लगने के बजाय नौकरी देने वालों की श्रेणी में खड़े होंगे।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि। वो दिन दूर नहीं है जब दिल्ली के स्कूलों से निकलने वाला एक-एक बच्चा जॉब मांगेगा नहीं। बल्कि जॉब क्रिएट करेगा। यदि वो नौकरी भी करेगा तो नौकरी उसके पीछे भागेगी। सिसोदिया ने कहा कि आज भारत में लगभग 25 करोड़ लोग बेघर हैं। मगर लाखों सिविल इंजीनियर बेरोजगार घूम रहे हैं। 

करोड़ों लोग आज भी भूखे सोते हैं। और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने वाले स्टूडेंट्स कह रहे हैं। कि हमारे पास काम नहीं है। यह एजुकेशन सिस्टम पर बड़ा सवाल है। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे अपने टैलेंट और एंटरप्रेन्योरल माइंडसेट के साथ भारत भी ऐसी कंपनी खड़ी कर दें। कि अमेरिका और यूरोप के बच्चे भी भारत की इन कंपनियों में नौकरी करने का सपना देखें।

ईएमसी के बारे में उन्होंने कहा कि करिकुलम को इस तरह से डिजाइन किया गया है। ताकि हर छात्र अपने ज्ञान का वास्तविक जीवन में उपयोग कर सके। ईएमसी की इकाइयों में छात्रों के लिए एंटरप्रेन्योर्स की सफलता की कहानियों को साझा करने के साथ-साथ उन्हें बहुत-सी एक्टिविटीज भी करने को दी जाती हैं। 

इसमें एक माइक्रो-रिसर्च प्रोजेक्ट भी शामिल है। इसके तहत बच्चे 5 एंटरप्रेन्योर व 5 नौकरी करने वाले लोगों से उनके पेशे से संबंधित सवाल पूछते हैं, ताकि बच्चे समझ बना सकें। 

कि किस पेशे के क्या लाभ और क्या हानियां हैं। शुरू करने में बिजनेस खत्म होगा डर अब बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत बच्चों को 2-2 हजार रुपये की सीड मनी दी जाएगी।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बच्चों को निवेश करने, उनके अंदर से बिजनेस शुरू करने का डर निकालने और प्रॉफिट कमाने के लिए तैयार करना है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि यदि वे प्रॉफिट नहीं भी कमाते हैं। तो वे अपने फेलियर का सामना करना सीखें। डिप्टी सीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में जोनल और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर ईएमसी के अंतर्गत बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोजेक्ट से 100 टॉप प्रोजेक्ट्स के साथ ईएमसी कार्निवल का आयोजन किया जाएगा। 

जिसमें सफल एंटरप्रेन्योर और विश्वविद्यालयों द्वारा बच्चों का मूल्यांकन होगा। इनमें टॉप 10 प्रोजेक्ट्स में शामिल बच्चों को एनएसयूटी और डीटीयू में बीबीए कोर्स में सीधे दाखिला दिया जाएगा। 

देश में नौकरियां वर्ल्ड बैंक, नीति आयोग की रिपोर्ट और नेताओं के आश्वासन से पैदा नहीं होंगी। बल्कि बिजनेस ब्लास्टर और ईएमसी जैसे प्रोग्राम से निकलेंगी। 

5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का सपना किसी पीएम या सीएम के कहने से पूरा नहीं होगा। बल्कि ईएमसी जैसे प्रोग्राम को अपनाने से होगा और आज इसकी बुनियाद रखने का दिन है। अगर दिल्ली के 1 हजार प्रिंसिपल और 1 हजार ईएमसी कॉऑर्डिनेटर चाह लें तो ये काम हो जाएगा। और 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के सपने की बुनियाद हमारे स्कूलों में रखी जाएगी।

निष्कर्ष

आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको मनीष सिसोदिया ने कहा: दिल्ली के स्कूलों के बच्चे नौकरी मांगेंगे नहीं, नौकरी देंगे। के बारे मे बताया। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।

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