Basant Panchami: जानिये बसंत पंचमी के दिन आपको कैसे करनी है पूजा और कथा?
Happy Basant Panchami 2022: माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसन्त पंचमी (Basant Panchami) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन ऋतुराज बसन्त के आगमन की सूचना देता है। इस दिन भगवान विष्णु तथा सरस्वती का पूजन (Saraswati Puja) किया जाता है।
बसन्त पंचमी के दिन घरों में केसरिया चावल बनाये जाते हैं। तथा पीले कपड़े पहनते हैं। बच्चे पतंग उड़ाते हैं।
बसन्त पंचमी कथा?
कथा: भगवान विष्णु की आज्ञा से प्रजापति ब्रह्माजी सृष्टि की रचना करके पृथ्वी पर आये तो उन्हें चारों ओर सुनसान तथा निर्जन दिखाई दिया। उदासी से सारा वातावरण मूक सा हो गया था। जैसे किसी के वाणी न हो।
इस उदासी तथा मलीनता को दूर करने के लिए ब्रह्माजी ने अपने कमण्डल से जल छिड़का। उन जल कणों के वृक्षों पर पड़ते ही चार भुजाओं वाली एक शक्ति उत्पन्न हुई जो दो हाथों से वीणा बजा रही थी तथा दो हाथों में पुस्तक तथा माला धारण किये थी। ब्रह्माजी ने उस देवी से वीणा बजाकर उदासी दूर करने को कहा।
उस देवी ने वीण बजाकर सब जीवों को वाणी प्रदान की। इस देवी का नाम सरस्वती पड़ा। यह देवी विद्या और बुद्धि को देने वाली है। इसलिए हर घर में इस दिन सरस्वती का पूजन होता है।
इसे बहुत से लोग वसंत पंचमी (Vasant Panchami) कहते हैं।
निष्कर्ष
आशा है आपको यह समझ में आ गया होगा। इस लेख में, हमने आपको Basant Panchami: जानिये बसंत पंचमी के दिन आपको कैसे करनी है पूजा और कथा? के बारे मे बताया, अगर आपको यह लेख पसंद आया हो।
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